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नोबेल और बुकर प्राइज विजेता, भारतीय मूल के वीएस नायपॉल का 85 की उम्र में निधन

नोबेल और बुकर प्राइज विजेता, भारतीय मूल के वीएस नायपॉल का 85 की उम्र में निधन

NEWS HIGHLIGHTS

  •  उनकी चर्चित कृतियां अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास और ए बेंड इन द रिवर उनकी चर्चित कृतियां हैं।
  •  नायपॉल ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी।
  •  द टाइम्स ने 2008 में महान ब्रिटिश लेखकों की सूची जारी की थी, जिसमें नायपॉल का स्थान 7वां था।

डिजिटल डेस्क, लंदन। साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले प्रसिध्द लेखक विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल (वीएस नायपॉल) का 85 साल की उम्र में रविवार सुबह निधन हो गया। त्रिनिदाद के चगवानस में 17 अगस्त 1932 को जन्मे भारतीय मूल के नायपॉल ने अपने लंदन के घर में आखिरी सांस ली। उन्हें 1971 में बुकर प्राइज और 2001 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। उनकी चर्चित कृतियां अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास और ए बेंड इन द रिवर उनकी चर्चित कृतियां हैं। नायपॉल ने अपने जीवन में 30 से ज्यादा किताबें लिखीं। उन्होंने 1950 में एक स्कॉलरशिप हासिल की थी। इस स्कॉलरशिप के जरिए उन्हें कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल सकता था, उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। द टाइम्स ने 2008 में महान ब्रिटिश लेखकों की सूची जारी की थी, जिसमें नायपॉल का स्थान 7वां था। नायपॉल ने कई पुस्तकें, यात्रा वृतांत और निबंध लिखे हैं। नायपॉल के पूर्वज त्रिनिदाद गए थे और बाद में वहां पर ही बस गए। उन्होंने इग्लैंड में रहकर अपनी शिक्षा पूरी की। उनकी पहली किताब द मिस्टर मैसर 1951 में प्रकाशित हुई थी। उनका सबसे चर्चित उपन्यास अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास था, जिसे लिखने में उन्हें तीन साल लगे थे। नायपॉल ने लेखन के क्षेत्र में पूरी दुनिया में प्रसिद्धि हासिल कर ली थी।


Famed British novelist and Nobel Prize winner for Literature, Sir. V.S. Naipaul has breathed his last on Sunday. The author of "A House for Mr Biswas passed away at his home in London. He was 85.

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