राहुल, मनमोहन समेत दिग्गजों की मौजूदगी में गहलोत-पायलट ने ली शपथ

NEWS HIGHLIGHTS
- अशोक गहलोत लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
- जयपुर के अल्बर्ट हॉल में पहली बार होगा शपथ ग्रहण समारोह
- कांग्रेस के कई दिग्गज नेता होंगे मौजूद
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज (सोमवार) को जयपुर के बीचों बीच स्थित अल्बर्ट हॉल में 22 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उनके साथ सचिन पायलट उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सचिन राज्य के पांचवें डिप्टी सीएम होंगे। पहले, शपथ ग्रहण का कार्यक्रम जनपथ पर होना था। हाईकोर्ट ने इसके लिए सशर्त अनुमति दी थी, लिहाजा कार्यक्रम स्थल बदला गया।
बता दें कि आजादी के बाद पहली बार कोई सरकार अल्बर्ट हाॅल में शपथ ले रही है। इस बार गहलोत का शपथ ग्रहण समारोह जश्न के साथ होगा। इससे पहले गहलोत ने दो बार राजभवन में सादगी से शपथ ग्रहण की है। राजस्थान में अब तक सरकारों के शपथ ग्रहण समारोह राजभवन या विधानसभा के बाहर जनपथ पर होते रहे हैं। कांग्रेसी सरकारों के शपथ ग्रहण तो हमेशा राजभवन में ही हुए हैं। गहलोत ने पिछले दो कार्यकाल में राजभवन में ही शपथ ली है। यह पहला मौका है जब गहलोत अल्बर्ट हाॅल पर हजारों लोागों की मौजूदगी में शपथ लेंगे।
बता दें कि आजादी के बाद पहली बार कोई सरकार अल्बर्ट हाॅल में शपथ ले रही है। इस बार गहलोत का शपथ ग्रहण समारोह जश्न के साथ होगा। इससे पहले गहलोत ने दो बार राजभवन में सादगी से शपथ ग्रहण की है। राजस्थान में अब तक सरकारों के शपथ ग्रहण समारोह राजभवन या विधानसभा के बाहर जनपथ पर होते रहे हैं। कांग्रेसी सरकारों के शपथ ग्रहण तो हमेशा राजभवन में ही हुए हैं। गहलोत ने पिछले दो कार्यकाल में राजभवन में ही शपथ ली है। यह पहला मौका है जब गहलोत अल्बर्ट हाॅल पर हजारों लोागों की मौजूदगी में शपथ लेंगे।
LIVE UPDATE
- जीतन राम मांझी, भूपेन्द्र हुड्डा, एम.के स्टालिन, शरद यादव भी मंच पर मौजूद
- कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज बब्बर, फरूख अब्दुल्ला जयपुर पहुंचे
- शपथ ग्रहण के साथ कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन, विपक्ष बड़े नेता भी पहुंचे जयपुर
- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी मंच पर मौजूद
- थोड़ी ढेर में जयपुर के अल्बर्ट हॉल में होगा शपथ ग्रहण समारोह
- राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल
- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी जयपुर पहुंचे
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नहीं होंगे शामिल
लोकसभा चुनाव से पहले इस समारोह को एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है, जिसके जरिए कांग्रेस अपनी जीत का संदेश पूरे प्रदेश और देश की जनता तक पहुंचाना चाहती है। अब तक ऐसे बड़े समारोह भाजपा ही करती आई है। भाजपा की पिछली दोनों सरकारों के शपथ ग्रहण समारोह विधानसभा के बाहर जनपथ पर हुए हैं।
गहलोत सरकार शपथ ग्रहण समारोह भी पहले जनपथ पर ही होना तय हुआ था, लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट की ओर से जनपथ स्थित अम्बेडकर सर्किल के आसपास आयोजनों पर लगाई गई रोक को देखते हुए शपथ ग्रहण समारोह के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी गई थी। कोर्ट ने इस मसले पर शनिवार को लंबी सुनवाई के बाद सशर्त आयोजन की अनुमति दे दी थी। कोर्ट ने ट्रैफिक बाधित नहीं करने की शर्त रखी थी। इसके बाद सरकार ने शाम को समारोह की जगह ही बदल दी।
इन नेताओं के पहुंचने के आसार
शरद पवार (राकांपा), एचडी देवगोड़ा (जेडीएस) और उनके बेटे कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, बिजावर विधायक राजेश कुमार (सपा), शरद यादव (लोजद), फारुक अब्दुल्ला (नेकां), हेमंत सोरेन (झामुमो), आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (तेदपा), एमके स्टालिन (द्रमुक), तेजस्वी यादव (राजद), बदरुद्दीन अजमल (एआईयूडीएफ)। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, मायावती और सोनिया गांधी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे निजी वजहों के कारण उनके आने की संभावना कम है। अखिलेश ने ट्वीट करके बताया कि उनके प्रतिनिधि के तौर पर विधायक राजेश कुमार पहुंचेंगे।
शरद पवार (राकांपा), एचडी देवगोड़ा (जेडीएस) और उनके बेटे कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, बिजावर विधायक राजेश कुमार (सपा), शरद यादव (लोजद), फारुक अब्दुल्ला (नेकां), हेमंत सोरेन (झामुमो), आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (तेदपा), एमके स्टालिन (द्रमुक), तेजस्वी यादव (राजद), बदरुद्दीन अजमल (एआईयूडीएफ)। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, मायावती और सोनिया गांधी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे निजी वजहों के कारण उनके आने की संभावना कम है। अखिलेश ने ट्वीट करके बताया कि उनके प्रतिनिधि के तौर पर विधायक राजेश कुमार पहुंचेंगे।
अशोक गहलोत का राजनीतिक सफर
लंबे समय से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय गहलोत जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं और उन्हें 'राजनीति का जादूगर' और 'मारवाड़ का गांधी' जैसे उपनामों से भी बुलाया जाता है। खास बात यह है कि राजनीतिक के इस जादूगर ने समय-समयर पर पार्टी को न सिर्फ ऊंचाई दी बल्कि विरोधियों को भी बता दिया राजनीति के दंगल में उनका नाम ही काफी है। राजनीतिक जानकारों की माने तो मारवाड़ के इस गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनीति में लेकर आईं। 67 वर्षीय गहलोत ने कुछ ऐसे संभाली है जिम्मेदारी
लंबे समय से राजस्थान की राजनीति में सक्रिय गहलोत जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं और उन्हें 'राजनीति का जादूगर' और 'मारवाड़ का गांधी' जैसे उपनामों से भी बुलाया जाता है। खास बात यह है कि राजनीतिक के इस जादूगर ने समय-समयर पर पार्टी को न सिर्फ ऊंचाई दी बल्कि विरोधियों को भी बता दिया राजनीति के दंगल में उनका नाम ही काफी है। राजनीतिक जानकारों की माने तो मारवाड़ के इस गांधी को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनीति में लेकर आईं। 67 वर्षीय गहलोत ने कुछ ऐसे संभाली है जिम्मेदारी
- 3 मई 1951 को जन्मे गहलोत ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1974 में एनएसयूआई के अध्यक्ष के रूप में की
- 1971 तक इस पद पर रहे
- 1979 से १1982 तक कांग्रेस पार्टी के जोधपुर जिला अध्यक्ष रहे
- 1982 में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव बने। उसी दौरान गहलोत सांसद बने
- 1998 से 2003 और 2008 से 2013 तक राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रहे
- 5 बार लोकसभा सांसद और कई बार मंत्री भी रहे
गहलोत 1980 से 1999 तक पांच बार 7वीं, 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए। गहलोत 1999 से जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह 11वीं, 12वीं,13वीं और 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।
Source: https://www.bhaskarhindi.com/news/ashok-gehlot-oath-in-as-chief-minister-of-rajasthan-55180
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