SC ने खारिज की दोषियों की पुनर्विचार याचिका, फांसी की सजा बरकरार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। गैंगरेप के चार में से तीन दोषियों की तरफ से दायर की गई पुनर्विचार याचिका को SC ने खारिज कर दिया है। मतलब तीनों दोषियों मुकेश, पवन और विनय की फांसी की सजा बरकरार रहेगी। कोर्ट ने पिछले साल 5 मई को निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद दोषियों ने SC में रिव्यू पिटिशन (पुनर्विचार याचिका) दाखिल की थी।
माता-पिता बोले, उम्मीद है इंसाफ मिलेगा
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच, दोषी पवन गुप्ता (22), मुकेश (29), और विनय शर्मा (23) की याचिकाओं पर फैसला सुनाया। निर्भया कांड के चार दोषियों में शामिल अक्षय कुमार सिंह (31) ने SC के मई 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि हमें मालूम था कि रिव्यू पिटिशन खारिज हो जाएगी, लेकिन अब आगे क्या ? वहीं निर्भया की मां आशादेवी ने कहा कि इस फैसले से ये उम्मीद जागी है कि हमें इंसाफ जरूर मिलेगा।
They were not juveniles. It is unfortunate that they committed such crime. This decision reaffirms our trust in the court that we will definitely get justice: Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang rape victim on SC's dismissal of the accused's review petition pic.twitter.com/6wt204ABG5— ANI (@ANI) July 9, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को रखा था बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2017 के फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालतों के फैसले को बरकरार रखा था। गैंगरेप और मर्डर के मामले में दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान दोषियों की तरफ से कहा गया था कि, ये मामला फांसी की सजा का नहीं है। वो आदतन अपराधी नहीं हैं, इसलिए उन्हें सुधरने का मौका दिया जाए।
चलती बस में की गई थी दरिंदगी
16 दिसंबर 2012 को 23 वर्षीय पैरामेडिक छात्रा निर्भया के साथ साउथ दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने गैंगरेप किया था। उसे गंभीर चोट पहुंचाने के बाद सड़क पर फेंक दिया था। जिसके बाद सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान 29 दिसंबर 2012 को निर्भया की मौत हो गई थी। वहीं गैंगरेप के एक दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल था, जिसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।
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